टंडवा में प्रदूषण की समस्या से जूझ रहें है लाखो लोग, कंपनी हो रही है मालामाल।
संवाददाता- अबुल कलाम
टंडवा- (चतरा) सरकारी नियमो को ठेंगा दिखाकर अम्रपाली कोल परियोजना से जय अंबे रोडलाइंस की कोल वाहनों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वही प्रदूषण पर कन्ट्रोल करने का कोई भी मापदंड सीसीएल वा जय अंबे ट्रांसपोर्ट कंपनी की तरफ से सड़क पर दिखाई नही दे रहा है।
वही इस संदर्भ में लोगो ने कई बार ट्रांसपोर्टरों व सीसीएल के पदाधिकारियों से भी आग्रह किया कि कम से कम वाहनों पर तिरपाल लगाकर कोयला ढुलाई का कार्य किया जाए लेकिन जय अंबे रोड लाइंस के हाईवा ने टंडवा रोड में आतंक मचा रखी है। कंपनी के संचालक को इन बातों से कोई फर्क नही पड़ता बस उन्हें ट्रिप करने की होड़ में कुछ दिखाई नही पड़ रहा है ।
वाहन के पहिये से उड़ने वाली धूल से सड़क के किनारे लगे पेड़ पौधे भी काले पड़ गए है। वही स्वच्छता अभियान पर भी इन कोल वाहनों ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।लोगो की जिंदगी से जय अंबे रोड लाइन्स ट्रांसपोर्टिंग कंपनी को इस मामले से कोई सरोकार नही ओर नही इस संदर्भ में जिला प्रशासन के प्राप्त निर्देशो का ही कोई पालन नहीं हो पा रहा है।
सरपट दौड़ती सड़को पर लोगो की जिंदगी खुले आम कुचल कर रख दी जाती है। अब तक सड़क पर होने वाली मौते में लगभग सैकड़ों मां की कोख को सुना किया जा चुका है। इन जान की कीमत तो लगा दी गयी है।बशर्ते इन घटनाओं पर रोक लगाने का कोई ठोश निदान कोल ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों के तरफ से अब तक नही हो पाया है। वही पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए कोई नियम कानून का पालन टंडवा, सिमरिया की सड़कों पर दिखाई नही देता।
जय अंबे रोड लाइन्स की कोल वाहनों की रफ्तार मौत की रफ्तार से कम मालूम नही पड़ती है। सरकार एक तरफ जहां राजस्व वसूली में कोई कसर नही छोड़ना चाहती वही बगैर ट्रांसपोर्टिंग सड़क के दादागिरी करते हुए लोगो के जीवन से खेलने का खुले आम कारोबार जारी है।
सीसीएल को नही सड़को पर पानी पटाने की कोई दिलचस्पी है और नही सीएसआर के तहत कोई मूल भूत विकास का काम ही विस्थापित एवं प्रभावित क्षेत्रो में नजर आता है। लोग प्रदूषित होते पर्यावरण से बीमार पड़ रहे है वही इन भयावह हालत में भी जिला प्रशासन की आंख बंद है जो आम जनता के लिए खतरे की घण्टी बज रही है।